मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के गोत्र और कुलदेवियाँ
गोत्रावली
- अग्रोया : दिल्ली के तुंवर राजा अनंगपाल के वंश में भरेवाल नाम के राजा के भावड़ा नाम का पुत्र हुआ था। भावड़ा के दो पुत्र हुये। इनमें से एक गढ़ अगरूव (वर्तमान अग्रोहा) जाकर बस गया। दूसरा कड़वल ग्राम में। अग्रोहा ग्राम में बसने से अग्रोया गोत्र की प्रवृत्ति हुई। ये कालका देवी की पूजा करते थे।
- चंन्द्रवंश में तुंवर वंश की कुलदेवी योगेश्वरी/योगमाया है। देवी का प्राचीन मंदिर दिल्ली में कुतुबमीनार के निकट है। मैढ़ जाति के भाट-बड़वों के अनुसार इस खांप की कुलदेवी महालक्ष्मी है। इसका एक नाम चिलाय, शाणोर, सारंग देवी है जिसका मंदिर सरूड (पाटन) तंवरवाटी में है। योगमाया देवी का एक मन्दिर जोधपुर से लगभग 35 कि.मी. की दूरी दुग्गर नामक ग्राम में अवस्थित है।
- अधेरे : यह दहिया वंश की खांप है जिसकी कुलदेवी कैवाय माता है। देवी का मंदिर नागौर जिले के परबतसर कस्बे के निकट किणसरिया ग्राम में है।
- अंचल/अंचलिया : यह चौहान वंश की खांप है जिसकी कुलदेवी शाकम्भरी/आशापुरा है। देवी का प्राचीन मंदिर नागौर जिले के सांभर ग्राम तथा नाडोल में है। सांभर में शाकम्भरी व नाडोल में आशापुरा नाम से मन्दिर है। ओसवाल जाति का इतिहास ग्रंथ में इन्हें मारवाड़ परगने का मूल निवासी बतलाया गया है।
- अचील : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी/आशापुरा है।
- अजवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी/आशापुरा है।
- अजोरा/आजोरा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी/आशापुरा है।
- अडवाल : राठौड़ वंशी रावल मल्लीनाथ के नौ पुत्रों में से एक पुत्र राव रीड़मल के पुत्र अड़वाल से यह शाखा निकली है। इसकी कुलदेवी नागणेचिया है जिसका मंदिर जोधपुर के निकट नागाणा ग्राम (पचपदरा के समीप) है। देवी के मंदिर जोधपुर व बीकानेर में भी हैं।
- अडानियां : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- अदहके : यह दहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी कैवाय है।
- अदोक : यह दहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी कैवाय है।
- अभयपुरिया : राठौड़ वंशी पाटवी राजा अभयराज ने अभयपुर बसाया। इसके वंशज अभयपुरिया कहलाये। इस खांप की कुलदेवी नागणेचिया है।
- अमरवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी/आशापुरा है।
- अलदायण : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमती है। देवी का मंदिर नागौर जिले के गोठमांगलोद ग्राम में है।
- अलवाण : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमती है।
- अहिके : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमती है।
- अत्रपुरा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- आमोरा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- आसट : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- आहोरिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- उज्जैनी : उज्जैन के पंवारवंशी राजा शूरशाह की संतान उज्जैनी कहलाई। इनकी कुलदेवी सच्चियाय माता है जिसका मंदिर जोधपुर के निकट ओसियां ग्राम में है।
- उदावत : राठौड़ राव रणमल (रीड़मल) के पुत्र जोधा के पौत्र व सूजा के पुत्र उदा के वंशज उदावत कहलाये। इनकी कुलदेवी नागणेचिया है। ‘गहलोत’ के अनुसार राठौड़ वंशी राव कान्हदेव के पुत्र उदा से यह खांप निकली है। राजपूत वंशावली में इसे हाड़ा चौहानों की शाखा बतलाई गई है।
- ऊन/ऊनड़ : इस खांप का वास्तविक नाम ऊनड़ है। यह राठौड़ वंश की खांप है जिसकी कुलदेवी नागणेचिया है। राठौड़ राजा धूहड़ के एक पुत्र ऊनड़जी से इस खांप का उदय हुआ।
- एकेबार : यह चौहान वंश के महता राजपूतों की शाखा है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। इस शाखा के लोग बुलंदशहर क्षेत्र में निवास करते हैं।
- कंकराणा : यह दहिया वंश की एक खांप है। इसकी कुलदेवी कैवाय माता है।
- कड़ेल : यह तुंवर वंश की एक खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। अगरोया गोत्र एवं कड़ेल गोत्र का मूल स्रोत एक ही होने से दोनों आपस में सगे भाई हैं।
- कछोड़िया : यह परमार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- कजलोया : यह चंदेल वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी मनिया है जिसे क्षत्रिय वंशावली में महालक्ष्मी कहा गया है।
- कजीता : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कटरिया : यह भाटी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है। जिसे स्वांगिया भी कहा गया है।
- कटलस : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमती है।
- कटारिया : यह सोलंकी वंश की खांप है। सोलंकी राजा चन्द्रसेन के चार पुत्रों में से यह खांप निकली। इसकी कुलदेवी खींवज है जिसे चामुण्डा भी कहते हैं।
- कटोड़िया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कठातला : यह चंदेल वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी मनिया/महालक्ष्मी है। मैढ़ जाति के भाटों की बही में जमवाय लिखा है।
- करोबटन : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमती है।
- कल्याण : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कलनह : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमती है।
- कंशलस/कलहंस : इस खांप की उत्पत्ति के विषय में मतभेद है। इस खांप का शुद्ध नाम कलहंस है। प्रतिहारों की बारह शाखाओं में से एक है। सं. 1392 में खानदेश के निकटवर्ती क्षेत्र से इसका विकास हुआ है। इसकी कुलदेवी चामुण्डा है जिसे गाजणमाता भी कहा जाता है। कइयों के मत में इस खांप की उत्पत्ति जरासंध के वंश से हुई है। जिसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- कांगरा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- काछवा : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमति है।
- कांटा : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- कांदला : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कालबा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- कीटमणा : यह गौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी महाकाली है। देवी का मन्दिर चित्तौड़ में है।
- कुक्कस : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमति है।
- कुकसा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कुंगा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कुचवाल : यह गहलोत वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी बाणमाता है। जिसे चामुंडा भी कहते हैं।
- कुचेवा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कुचेरा : यह गहलोत वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी बाणमाता है।
- कुचेरिया : यह गहलोत वंश की सिसोदिया शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी बाणमाता है। इस खांप के लोग बोरावड़ के निवासी बताये गये हैं।
- कुछेरा : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय माता है।
- कुछी : यह कछवाह वंश की खांप है जिसकी कुलदेवी जमवाय है। इसका मंदिर जमवारामगढ़ में है।
- कुझेरा/कुझेड़ा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कुर्डरिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कुंडलिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कुरथा : यह पंवार वंश में सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- कुलथिया : यह पंवार वंश में सांखला शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है। ये कुलेथराज जी के वंशज हैं जो कुलथगढ़ से पहले डीडवाना आये और डीडवाना से कोट में बसे। भाटों के अनुसार इनकी कुलदेवी ब्रह्माणी है जिसका मंदिर कोटपुतली के पास है।
- कूकरा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- केंकाण/कींकाण : यह दहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी कैवाय माता है।
- कोथवा : यह चौहान वंश मंे बोड़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कोरवा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कोरवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- कोंसला : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- खड़ानियां : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- खजनेरा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- खजवानियां : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है। मैढ़ जाति के बड़वों के अनुसार इसकी कुलदेवी पीपलाज है जिसका मन्दिर लालसोट के निकट है।
- खजवाल : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- खजूरिया : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- खंडारा : यह गौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी महाकाली है।
- खरगस : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- खरबाल : यह पंवार वंश में सोढ़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- खरा/खेरा : यह पंवार वंश में सोढ़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- खराड़ा : यह गौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी महाकाली है।
- खरेसा : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- खलबलिया : यह टांक वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा/अम्बा है।
- खत्री आसापुरा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- खिप्पल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- खीचाणां : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- खीवाण : यह टांक वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा/अम्बा है।
- खुल्या : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है।
- खुव्वाल/खोवाल : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- खेजड़वाल : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- खेपल : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- खोखरानियां : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- खोखर : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है। रावछाड़ा की हुलणी रानी के सात पुत्रों में एक खोखर था। इस खोखर के वंशज खोखर कहलाये। मडाढ़ इसे परिहार वंश की शाखा मानते हैं। क्षत्रिय वंशावली (पृ. 73) के अनुसार यह चन्द्रवंशी हैं।
- खोखा : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- खोर : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमति है।
- गंगसिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- गजाई : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- गजोरा : यह चौहान वंश में हाड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- गढ़वाल : यह राठौर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है। इस खांप के कतिपय लोग तंवर होने का दावा करते हैं।
- गदवाह : यह चंदेल वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी मनिया है।
- गधरावा : यह कछवाहा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- गधोजिया : यह बड़गूजर वंष की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा है।
- गनीवाल : यह चौहान वंष में हाड़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- गर्गसुत : यह कछवाहा वंष की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- गिरधर : यह भाटीवंष की खांप है। माल देवोत के वंष में खेतसी के वंषज गिरधर से यह खांप विख्यात हुयी। इनकी कुलेदवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- गीजगरा : यह चौहान वंष में हाड़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- गुगरिया : यह चौहान वंष की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- गुधरिया : यह चौहान वंष में हाड़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- गुंद : यह ऋषि वंश की खांप है।
- गुरव (गोरख) : यह कछवाहा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- गेगड़ा : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेष्वरी है।
- गोगड़ : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेष्वरी है।
- गोगना : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेष्वरी है। मैढ़ जाति के भाट-बड़वों के अनुसार इसकी कुलदेवी भद्रकालिका है जिसका मंदिर हनुमानगढ़ मंे है।
- गोटीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- गोतम : यह ऋषि वंश की खांप है। कहीं-कहीं चन्द्रवंष भी उल्लेखित है। वंष भास्कर इसे सूर्यवंषी मानता है।
- गोतूणा/गोयतान : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेष्वरी है।
- गोहनाण/गोहानियां : इसे गोहानियां भी कहते हैं। यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- घोड़ेवाह/घोड़वाल : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है। ‘मडाढ़’ इसकी कुलदेवी दुर्गा बतलाते हैं। मैढ़ जाति के बड़वों अनुसार यह चौहान वंश की खांप है।
- घोसलिया : यह चौहान वंश में खीची शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- चतराणा : यह कछवाह वंष की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- चंदवरिया : यह चौहान वंष की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- चरेड़े : जैसलमेर के भाटी वंश में चरड़ेजी के वंशज चरड़ा भाटी कहलाये। इस वंश की कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- चाड़वला : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- चावड़ा : ये अपने को पंवार वंश की शाखा मानते हैं। मेवाड़ में आरज्या, कलवड़वास में ठिकाने है। क्षत्रिय वंशावली में इनकी कुलदेवी प्रभावती लिखा है।
- चावंडिया : यह राठौड़ वंशी राजा रिड़मलोत शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है।
- चाहिल : यह चौहानवंशी खांप है। वर्तमान में इस खांप के प्रायः लोग मुसलमान हैं।
- चित्रवानियां/चित्रकरा : यह चौहान वंश की खांप है। इस खांप के प्रायः लोग मुस्लिम हो गये हैं।
- चुवाणा : यह पंवार वंश में सोढ़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- चूड़िया : यह चौहान वंष में खीची शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- चोढ़ावा : यह चौहान वंश में खीची शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- चोरतिया : यह कछवाहा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- छमा : यह चौहान वंश में मोहिल शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- छरगा : यह गोरबा वंश की खांप है।
- छाणीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- छापरड़ा : यह चौहान वंश में मोहिल शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- छापरवाल : यह चौहान वंश में मोहिल शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- छाहरावा : यह चौहान वंश में मोहिल शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- जटेरवाल : यह भाटी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है। पूर्व में इस खांप के लोग बीजासनी माता की पूजा करते थे।
- जमवाल : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है। इनका राज्य जम्मू कश्मीर में था। इसलिए इन्हें जम्बूवाल भी कहते हैं। मैढ़ जाति के भाटों की बही में वि. सं. 1011 में जैमलजी से इस खांप का प्रादुर्भाव हुआ लिखा है।
- जलभटिया : यह चन्द्रवंशी यादवों की खांप है। इनकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- जलखेड़िया/जलसेरिया : राठौड़वंशी राजा धुन्धुमार के 13 पुत्रों में से छठे पुत्र जयचन्द ने जलखेड़ पाटन बसाया। उसके वंशज जलखेड़िया कहलाये। इस खांप की कुलदेवी नागेणिचया है।
- जांगड़ा : चौहान वंश की एक शाखा है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- जांगलवा : यह पंवार वंश में सांखला शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है। पंवार वंश मंे बाघा के वंशज सांखला कहलाये। बाघा के बैरसी, बैरसी के राणा राजपाल और राजपाल के महीपाल नामक पुत्र से जांगलवा खांप निकली। ठा. बहादुरसिंह के अनुसार पंवार वंश के उदियादत्त के वंशज जांगलू क्षेत्र में रहते थे। जांगलू में रहने से जांगलवा खांप निकली। मैढ़ जाति के भाटों के अनुसार इनकी देवी चामुंडा है। जिसका मंदिर पाली जिले में है।
- जाजोरिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- जाटावत : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। भाट-बड़वों के अनुसार जीणमाता है।
- जाटोड़ा : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- जानस : यह यादव वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी/शारदा है।
- जालू : यह यादव वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी/शारदा है।
- जालोतिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- जावला : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- जुलपान : यह ऋषिवंश मंे गोतम वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुण्डा है।
- जैसवार : ‘मडाढ़’ व ठाकुर बहादुर सिंह के अनुसार यह चन्द्रवंश में भाटी शाखा की खांप है। जो सातवीं-आठवीं शताब्दी में सिन्धुपार से आये, यहां आकर वे जैसवार कहलाये। इनकी कुलदेवी स्वांगिया/हिंगलाज है।
- जोखाटिया/जाखोटिया
- जाखोटा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- जोड़ा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। कई इसे सोलंकी वंश की खांप मानते हैं जिसकी कुलदेवी खेंवज है।
- जोध/जोधा : राठौड़ राव जोधाजी की पीढ़ी के वंशज जोधा अथवा जोध कहलाये। इनकी कुलदेवी नागणेच्चिया है।
- जोरा : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है। क्षत्रिय जाति की सूची (पृ. 4) पर इसे गहलोत वंश की खांप बतलाया गया है।
- झड़िया : ये ऋषिवंश में गोतम के वंशज हैं।
- झबवाल : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- झबासणा : यह पंवार वंश की सोढ़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- झाट/झाटलीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- झांगर : यह प्रतिहार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामंुडा है। वर्तमान में इस खांप के लोग भाट हो गये हैं।
- झींगा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- झीझोरा : यह पंवार वंश में सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- झुण्डवाल : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। तुंवर वंश की खलौरिया शाखा से यह खांप निकली है।
- झुण्डा : यह सोलंकी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी खेंवज है।
- झोजा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- टांकड़ा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- टिटमणा : यह गौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी कालिका है।
- टुकड़ा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- टुकराड़ा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- ठाकराण : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- ठाकुर : भाटी वंश में बेरीसिंह के चाचा देवीदास के वंशज ठाकरसी हुये। इनके वंशज ठाकुर कहलाये। इनकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- ठीकरिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- डसानियां : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- डांवर : यह चौहान वंश की मोहिल शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। मैढ़ जाति के भाट-बड़वों के अनुसार चामुण्डा है। ‘ब्राह्मणोत्पति मार्तण्ड’ में मोहिलों की कुलदेवी जीण उल्लेखित है।
- डीगडवाल : यह चौहान वंश में चाहिल शाखा की उप शाखा है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- डोरे : यह सेंगर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी विन्ध्यवासिनी है।
- डोलीवाल : यह तंुवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- डोसाणा : यह पंवार वंश की कुलदेवी है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- ढ़ल्ला : यह चंद्रवंश में जोहिया वंश की खांप है, इसकी कुलदेवी महालक्ष्मी/ योगेश्वरी है। भाटो के अनुसार इनकी कुलदेवी मुरटासीण है।
- ढ़ल्लीवाल/दिल्लीवाल : यह तंुवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- ढ़ाबरढ़ीमा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- ढ़ाबरवाल : यह जोहिया वंश की खांप है, इसकी कुलदेवी महालक्ष्मी/योगेश्वरी है।
- ढ़ीया : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- ढे़रा : यह सेंगरवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी विन्ध्यवासिनी है।
- ढ़ोमा : यह जोहिया वंश की खांप है, इसकी कुलदेवी महालक्ष्मी/योगेश्वरी है।
- ढ़ोलवा : यह जोहिया वंश की खांप है, इसकी कुलदेवी महालक्ष्मी/योगेश्वरी है।
- तमोरा : यह यादव वंश की खांप है, इसकी कुलदेवी महालक्ष्मी/योगेश्वरी है।
- तरणावा : यह दाहिमा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दधिमति है।
- तवरीलिया : यह चौहान वंश की देवड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- तारापुरिया : राठौड़ वंश में राव श्रीपुंज के 13 पुत्रों एक पुत्र चांद हुआ। उसके पुत्र ने तारापुर, तेहरा, बघलाना गांव बसाये। तारापुर से तारापुरिया खांप का उदय हुआ। इस खांप की कुलदेवी नागणेच्चिया है।
- तिबरकिया : यह गहलोत वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी बाणमाता है।
- तीखिया : यह परिहार (प्रतिहार) वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुण्डा है। कहीं-कहीं प्रतिहार की तखी शाखा की कुलदेवी ज्वालामुखी उल्लेखित है।
- तूणगर : यह चन्द्रवंशी यादवों की खांप है। वर्तमान बयाना से लगभग 23 कि.मी. दक्षिण में तवनगढ़ स्थित है जिसे त्रिभुवनगढ़ भी कहते हैं। इस वंश में सम्राट विजयपाल के पश्चात् उसका ज्येष्ठ पुत्र तिहुनपाल (तवनपाल) ग्यारहवीं शताब्दी में गद्दी पर बैठा। इसने त्योहनगढ़ को अपनी राजधानी बनाया। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी/शारदा है।
- तूणवा : यह यादव वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी/शारदा है।
- तेहड़वा : यह चौहान वंश की चाहिल शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- तेहड़ा/तेहड़ : यह चौहान वंश की देवड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- तोसावड़ : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। मैढ़ जाति के भाटों के अनुसार आशापुरा है। शाकंभरी व आशापुरा दोनों एक ही देवी के नाम हैं।
- दगरवाल : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है।
- दमुड़िया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- दसौर/दिसौर : यह गहलोत वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी बाणमाता है।
- दहवाल/दाहीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- दारीवाल : यह चौहान वंश में बोडा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- दुदोलिया/ददोलिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- दुंवाल : यह दहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी कैवाय माता है।
- देखा : यह दहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी कैवाय माता है।
- देवा : यह परमार (पंवार) वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- देवाल : यह दहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी कैवाय है। ‘सारस्वत जगत’ (सं. पी. आर. ओझा, पृ. 30) के अनुसार ब्रह्माणी (फलौदी माता) देवाल गोत्र की कुलदेवी है।
- धतुरिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- धधूता : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- धनेरा : यह सेंगर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी विन्ध्यवासिनी है।
- धनेरिया/धनवरिया : यह परिहार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुण्डा है।
- धरना : यह सेंगर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी विन्ध्यवासिनी है।
- धाधींग : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकंभरी है।
- धारवाड़ : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- धुरिया/धुरा : यह परमार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- धूपड़ : यह चौहान वंश में मोहिल शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। भाटों के अनुसार चामुण्डा है। धूपड व डांवर का मूल स्रोत एक ही है।
- धूहड़िया/धूड़िया : यह राठौर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है। राठौड़वंशी राजा धूहड़ के वंशज धूहड़िया कहलाये।
- धूपिया/अधूपिया : यह बड़गुजर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा है।
- नठारा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- नतवाण : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- नरवरिया/नरवाल : यह कछवाहा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- नरहिला : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- नाठीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- नाता/नात्या : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- नारनोली/सुगन्ध : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। इस खांप का एक नाम सुगन्ध भी है। महाराजा अनंगपाल के अनेक पुत्र झालरापाटन में रहे। सुगन्ध नाम के उनके एक वंशज ने नारनोल में निवास किया। उसकी सन्तान नारनोली कहलाई।
- नावला : यह प्रतिहार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुंडा है।
- नाहर/नाहर्या : चौहान राजा सिंधुराव के पुत्र लाखनराव के 14वें पुत्र नरसिंह के वंशज नाहर्या कहलाये। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- निश्चल : यह यदुवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी/शारदा है।
- पंचम : यह प्रतिहार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुंडा है।
- पंचमऊ : यह यादव की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी/शारदा है।
- पतरावल : यह पंवारवंश की सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- परवाल : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- परवलिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- पसगांगणा : यह चौहान वंश की चाहिल शाखा की खांप है।
- पहाड़ीवाल/पहाड़िया : यह राठौर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है।
- पांचवा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- पांडस : यह टांक वंश की खांप है।
- पाड़ीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- पातलान : यह यादव की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी/शारदा है।
- पातीघोस : यह पंवार वंश में सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- पालीवार : यह तुंवर वंश की खांप है। राजा इन्द्रपाल के चौथे पुत्र जंगपाल के वंशज हैं। इनकी कुलेदेवी योगेश्वरी है।
- पिथलिया : यह परमार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- पिदाड़ा : यह टांक वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा/अम्बा है।
- पुरबिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- फलू : यह प्रतिहार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुंडा है। क्षत्रिय जाति की सूची (पृ. 72) में इन्हें तंवर वंशी बतलाया गया है।
- बकाण/बकाणिया : यह सोलंकी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी खेंवज है।
- बगे/बागा/बागेश्वर : यह चौहानवंश की बागड़ी शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बघेलवाल : यह सोलंकी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी खेंवज है। पाटन के सोलंकी राजा भोलाराम भीम के पुत्र अर्जुन से बघेलवाल वंश निकला।
- बड़गोता : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बड़बोलस : यह टांक वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा/अम्बा है।
- बड़बेचा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बड़सोला : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- बच्छस : यह चन्द्रवंशी खांप है। इसकी कुलदेवी महालक्ष्मी/योगेश्वरी है।
- बदवाल : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- बनाथिया/बेनाथिया : यह चौहान वंश में खीची शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बनाफर : यह यादव वंश की खांप है। इस वंश के बुधपाल जी वीरमपालोत के वंशज बनाफर कहलाये। इनकी कुलदेवी योगेश्वरी/शारदा है।
- बनेरवाल : यह चौहान वंश में खीची शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बबेरवाल : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- बबेलिया : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- बरड़का : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुंडा है।
- बराड़िया : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है। कई इन्हें कछवाह वंशी मानते हैं।
- बराणा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बंस : यह पंवारवंश की सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- बसीवाल : यह चौहानवंश की बागड़ी शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बहराण : यह सोलंकी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुण्डा है।
- बहुबला : यह कछवाहा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- बाजरजुड़ा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बाथरा : यह बड़गुजर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा है।
- बाधोरिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बानर/वानर : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेचिया है। राठौड़ राव छाड़ा के पुत्र वानर से यह खांप निकली है।
- बामलवा : यह चौहान वंष की खीची शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बिच्छल/वाच्छिल : यह चन्द्रवंश की शाखा है। इनका गोत्र अत्रि व कुलदेवी महालक्ष्मी है। ये मथुरा, बुलन्दशहर और शाहजहांपुर जिले में मिलते हैं।
- बिल्लोरिया : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। तुंवर वंश में राजा इन्द्रपाल का चौथा पुत्र जगमाल था। इसके वंशज जंघारा तुंवर कहलाये। इस वंश की 13वीं पीढ़ी से बिल्लोरिया खांप का उदय हुआ।
- बीछी : यह पंवारवंष मंे सांखला शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- बीजवा : यह चौहानवंष की बागड़ी शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बीनवा : यह चौहान वंष की खीची शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बीनाण : यह टांक वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा/अम्बा है।
- बुकण : यह पंवारवंश की सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- बुचाणा : यह चौहान वंष की बोडा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- बुन्देला : यह पंवार वंश में सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- बूट्टण : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- बूटरा : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- बूथरा : यह बड़गूजर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा है।
- बून्दीवाल : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- बैचस : यह टांक वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा/अम्बा है।
- बैंवाल : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेचिया है। भाटों के अनुसार इसकी कुलदेवी फलौदी माता है। जिसका मन्दिर मेड़ता में है।
- बोहतरिया : यह बड़गूजर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा है।
- भजवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भठाठरा : यह चौहान वंश में चाहिल शाखा की खांप है।
- भतवार : यह चौहान वंश की हाड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भदलिया : यह सोलंकी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुण्डा है।
- भमूरिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भमेशा : यह चौहान वंश की हाड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भरड़वा : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- भरणेवा : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- भरीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भंवर/भांवर : यह चौहान वंश की खांप है। इसक कुलदेवी शाकम्भरी है। चौहान राजा माणकराव के पौत्र लाखनराव के 24 पुत्र हुये। उनमें पांचवें पुत्र भोजराज के वंशज भंवर कहलाये।
- भाजीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भानु : यह चौहान वंश की हाड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भामा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है। पंवार वंश में चन्द्रदत्त शाखा में भामावीरस के पुत्रों से यह खांप निकली। मैढ़ जाति के भाटों के अनुसार यह तुंवर वंश की खांप है।
- भालस : यह चौहान वंश की हाड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भींवा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- भूरिया : यह सोलंकी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी खेंवज है। क्षत्रिय जाति की सूची में इन्हें हिरण्यकश्यप के वंशज बताया गया है।
- भैसोलिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भोगईया : यह चौहान वंश की खांप है। भो गांव में रहने वाले भोगईया चौहान कहलाये। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भोजपुरिया : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है। बिहार प्रान्त के शाहबाद जिले में रहते हैं।
- भोजीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- भोंण/भूण/भवण : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- भोला : यह चौहान वंश की हाड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- मगरोठिया : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। तुंवर वंश की 14वीं पीढ़ी में जंगपाल शाखा से इस खांप का अभ्युदय हुआ।
- मंगला : यह गौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी महाकाली है।
- मछलस/मछलिया : यह चौहान वंश की देवड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- मंज : यह चौहान वंश की हाड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- मंडा : यह चन्देल वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी मनिया है।
- मंडावरा/मुंडावरा/मंडोवर : यह प्रतिहार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुण्डा है। प्रतिहार वंश की 93वीं पीढ़ी के अयामक के 12 पुत्रों से अनेक शाखायें मिली। उनमें एक से मंडोवर शाखा निकली।
- मदन : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेचिया है। राठौड़ राव संसारचन्द बीदावत के प्रदेश में मदन पातावत से मदन अथवा मदनावत खांप निकली। क्षत्रिय दर्शन में उल्लेखानुसार पंवार वंश में पातल के पुत्र मदन के वंशज मदन कहलाये।
- मदलास : यह चौहान वंश में देवड़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- मधरान : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- मराना : यह जोहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेष्वरी है।
- मरींडिया/मलींडिया : यह चंदेल वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी मनिया है। भाटों के अनुसार इस खांप की कुलदेवी सुदर्शन है। जिसका मंदिर चितौड़ के निकट है। सीकर जिले के सुदरासन ग्राम में सुरजल देवी का मन्दिर है जो सुदर्शन देवी के नाम से विख्यात है।
- मसूरिया/मसूरा : यह चौहान वंश में देवड़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- महावर/माहोर : क्षत्रिय जाति की सूची (पृ. 49) के अनुसार ये चन्द्रवंषी यादव हैं। इनका गोत्र अत्रि व कुलदेवी योगेष्वरी/महालक्ष्मी है। महीपाल के पुत्र माहोर से यह खांप निकली, जो माहोर की गद्दी का स्वामी था, ये मथुरा, आगरा क्षेत्र में पाये जाते हैं।
- महारीवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- महीपाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- मांडण : यह राठौर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेचिया है। राठौर राव रणमल के चौबीस पुत्रों मंे एक मांडण के नाम से यह खांप निकली। मुहणोत नैणसी के अनुसार पंवार वंश की सोढ़ा शाखा में सोढ़ा की सोलहवीं पीढ़ी में जोधा नाम का पुत्र हुआ। उसके चार पुत्रों में छोटा पुत्र मांडण हुआ। उससे मांडण शाखा निकली।
- मायछ : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। नैणसी के अनुसार माहेच प्रतिहार वंष की शाखा है।
- माली : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। ये पहले क्षत्रिय थे किन्तु शहाबुद्दीन गौरी के समय कतिपय लोगों ने बागवानी का पेशा अपना लिया। इसलिए इनकी शाखायें राजपूतों जैसी ही हैं।
- मुकारा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- मुदाकलस : यह चौहान वंश में देवड़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- मुलतान : यह गोरबा वंश की खांप है।
- मेड़तवाल : यह राठौर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है। जोधपुर के शासक राव जोधा के पुत्र दूदा ने मेड़ता बसाया। मेड़ता नाम से मेड़तिया राठौड़ कहलाये।
- मोडकड़ा/मोडीवाल : यह पंवार वंश में सोढ़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- मोबिया : यह चौहान वंश में बोड़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- मोर : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। राजपूत वंशावली में इसे गहलोत वंश की शाखा बतलाया गया है।
- मोलवा : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- मौसूण/मसाणिया : यह चौहान वंश में खीची शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- रगड़ा : यह चौहान वंश की देवड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- रगल : यह पंवारवंश की सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- रजवासा : यह गहलोत वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी बाणमाता है।
- रणेसा : यह पंवारवंश की सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- रतै : यह चौहान वंश की देवड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- राजराणा : यह चौहान वंश की देवड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- राजोरिया/राजोरा : यह बड़गूजर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा है।
- रावठड़िया/रावठा : यह कछवाहा वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- रावणसेरा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- रावहेड़ा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- रूगलेचा : यह पंवारवंश की सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- रूणवाल/रूंडवाल : यह पंवारवंश की सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- रूदकी : यह चौहान वंश की देवड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- रूद्रका/रूद्र : यह सोलंकी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी खेंवज है। इस वंश के पृथ्वीराज के पुत्र रूद्र के वंशज रूद्र कहलाये।
- रोडीवाल : यह जोहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी महालक्ष्मी/योगेश्वरी है।
- रोजीवाल : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- रोडा : यह जोहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी महालक्ष्मी/योगेश्वरी है। मैढ़ जाति के बड़वों के अनुसार इनकी कुलदेवी मुरटासीण है।
- लंकावाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- लदेरा : यह भाटीवंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है।
- लभवाल : यह चौहानवंश की बागड़ी शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- लाखणिया : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- लाडनवार : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- लाम्बा : यह चौहानवंश की बागड़ी शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- लाल सुल्तान : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- लावट : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- लिलया : यह चौहानवंश की बागड़ी शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- लूटा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- लुद्र/लुद्दर : यह भाटी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है। जैसलमेर के निकट लुद्रवा नगर के नाम से यह खांप निकली है।
- लूमरा : यह चौहानवंश की बागड़ी शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- लोलकवाल : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- सकलेचा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सकवाय/संखवाय : यह पंवारवंश की सांखला शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- सठावता : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सणखत : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है। भाटों के अनुसार इसकी कुलदेवी अम्बिका है।
- सणवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सतरावल : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। भाट इसकी कुलदेवी ज्वाला बताते हैं।
- संधेचा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- संभवाल/संभरवार : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। चौहान राजा महानन्द के दूसरे पुत्र संभरवार के नाम से यह वंश विख्यात हुआ।
- सरवड़ा : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- सरवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सरूंडिया/सुरंडिया : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। भाटों के अनुसार इस खांप की कुलदेवी सरसा माता है। जिसका मंदिर अलवर जिले में गोला का बास नामक स्थान पर है।
- संवरा : यह चौहान वंश की देवड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सहदेवड़ा : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है। भाटों के अनुसार इसकी कुलदेवी कोटासीण है, जिसका मंदिर पाली जिले में कानासर गांव में है।
- सही : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सहीवाल : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है।
- सांडेवा : यह दहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी कैवाय माता है।
- सांभरवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सारड़ीवाल : यह चौहान वंश की सांचोरा शाखा से है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। भाटों के अनुसार चंडी है। कईयों के मत में यह तुंवर वंष की खांप है।
- सांवला : यह चन्देल वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी मनिया है।
- सिंगोदिया : यह यादव वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी महालक्ष्मी/योगेश्वरी है।
- सिंधु : यह गोरबा वंश की खांप है।
- सिंदे : यह चौहान वंश की बोड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सिर्दनवाल : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सिरसीवाल : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है। देवी का मूलस्थान जमवारामगढ़ /आमेर है।
- सिहड़िया/सीहड़ : यह भाटी वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी हिंगलाज/महिषमर्दिनी दुर्गा है। भाटी वंश में जयचन्द के पुत्र करमसी कैलाश के पुत्र सीहड़ से यह खांप निकली है।
- सिगड़/सीगड/सीघड़ : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सीगावत : यह परिहार (प्रतिहार) वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी चामुंडा है।
- सींठावत : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। मैढ़ जाति के भाट जीण बतलाते हैं।
- सीडवा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सीरोटा : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है।
- सीहरा : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है।
- सुकलश : यह चौहान वंश में बोड़ा शाखा की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सुनालिया : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सुरजनवाल/सुरधनवाल : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- सुरता : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सूबा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- सूरा : यह राठौड़ वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है। राठौड़वंशी राजा धुंधमार के दसवें पुत्र सूरदेव ने सुरपुर बसाया। उन्हीं के वंशज सूर अथवा सूरा कहलाये।
- सेड़ा/सेढ़ा : यह तुंवर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी योगेश्वरी है।
- सेडूंत : यह दहिया वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी कैवाय है।
- सोलीवाल : यह कछवाह वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी जमवाय है। कछवाह वंश में सातवीं पीढ़ी में मलैसी राजा के रतनाजी हुये। उनकी एक सोली नाम की संतान से सोलीवाल खांप निकली।
- हतूण : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- हथूड़िया/हथौड़िया : यह राठौर वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी नागणेच्चिया है। राठौड़ राव रायपाल के पुत्र हथूड़िया के वंशज हथौड़िया कहलाये।
- हरणियां : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- हरदेवाण : यह टांक वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी दुर्गा/अम्बा है।
- हरसिया : यह गोरबा वंश की खांप है।
- हरसोरा : यह पंवार वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी सच्चियाय है।
- हरा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- हाबोरा : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- हीरा/हीरे : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है। चौहान वंश के हनसिंहके वंशजों से सात शाखायें निकली। उनमें से एक हीराग है।
- होडे : यह चौहान वंश की बोड़ा शाखा की खांप है।इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।
- होरिया/ होसवास : यह चौहान वंश की खांप है। इसकी कुलदेवी शाकम्भरी है।